आज के इस आर्टिकल में मै आपको “ नियुक्त अधिकारियों की शक्तियां | दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 33 क्या है | section 33 CrPC in Hindi | Section 33 in The Code Of Criminal Procedure | CrPC Section 33 | POWERS OF OFFICERS APPOINTED ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 33 | Section 33 in The Code Of Criminal Procedure
[ CrPC Sec. 33 in Hindi ] –
नियुक्त अधिकारियों की शक्तियां —
सरकार की सेवा में पद धारण करने वाला ऐसा व्यक्ति, जिसमें उच्च न्यायालय या राज्य सरकार द्वारा, उस संहिता के अधीन कोई शक्तियां किसी समग्र स्थानीय क्षेत्र के लिए निहित की गई हैं, जब कभी उसी प्रकार के समान या उच्चतर पद पर उसी राज्य सरकार के अधीन वैसे ही स्थानीय क्षेत्र के अंदर नियुक्त किया जाता है, तब वह, जब तक, यथास्थिति, उच्च न्यायालय या राज्य सरकार अन्यथा निदेश न दे या न दे चुकी हो, उस स्थानीय क्षेत्र में, जिसमें वह ऐसे नियुक्त किया गया है, उन्हीं शक्तियों का प्रयोग करेगा।
धारा 33 CrPC
[ CrPC Sec. 33 in English ] –
“ POWERS OF OFFICERS APPOINTED ”–
धारा 33 CrPC
- सामान्य आशय क्या है
- संविदा का उन्मोच
- संविदा कल्प या आभासी संविदा क्या है
- समाश्रित संविदा किसे कहते हैं
- उपनिधान उपनिहिती और उपनिधाता
- उपनिहिति का धारणाधिकार
- गिरवी से आप क्या समझते है
- क्षतिपूर्ति की संविदा
- गॄह-भेदन किसे कहते हैं
- आपराधिक अतिचार किसे कहते हैं
- संपत्ति की प्राइवेट प्रतिरक्षा
- शरीर की प्राइवेट प्रतिरक्षा
- कौन से करार संविदा हैं
- स्वतंत्र सहमती किसे कहते हैं
- शून्य और शून्यकरणीय संविदा
- प्रतिफल क्या है
- स्वीकृति क्या है
- प्रस्ताव से क्या समझते हो
- संविदा किसे कहते है