आज के इस आर्टिकल में मै आपको “ जहां लोक अधिकार के अस्तित्व से इनकार किया जाता है वहां प्रक्रिया | दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 137 क्या है | section 137 CrPC in Hindi | Section 137 in The Code Of Criminal Procedure | CrPC Section 137 | Procedure where existence of public right is denied ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 137 | Section 137 in The Code Of Criminal Procedure
[ CrPC Sec. 137 in Hindi ] –
जहां लोक अधिकार के अस्तित्व से इनकार किया जाता है वहां प्रक्रिया–
(1) जहां किसी मार्ग, नदी, जलसरणी या स्थान के उपयोग में जनता को होने वाली बाधा, न्यूसेन्स या खतरे का निवारण करने के प्रयोजन के लिए कोई आदेश धारा 133 के अधीन किया जाता है वहां मजिस्ट्रेट उस व्यक्ति के जिसके विरुद्ध वह आदेश किया गया है अपने समक्ष हाजिर होने पर, उससे प्रश्न करेगा कि क्या वह उस मार्ग, नदी, जलसरणी या स्थान के बारे में किसी लोक अधिकार के अस्तित्व से इनकार करता है और यदि वह ऐसा करता है तो मजिस्ट्रेट धारा 138 के अधीन कार्यवाही करने के पहले उस बात की जांच करेगा।
(2) यदि ऐसी जांच में मजिस्ट्रेट इस निष्कर्ष पर पहुंचता है कि ऐसे इनकार के समर्थन में कोई विश्वसनीय साक्ष्य है तो वह कार्यवाही को तब तक के लिए रोक देगा जब तक ऐसे अधिकार के अस्तित्व का मामला सक्षम न्यायालय द्वारा विनिश्चित नहीं कर दिया जाता है ; और यदि वह इस निष्कर्ष पर पहुंचता है कि ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है तो वह धारा 138 के अनुसार कार्यवाही करेगा।
(3) मजिस्ट्रेट द्वारा उपधारा (1) के अधीन प्रश्न किए जाने पर, जो व्यक्ति उसमें निर्दिष्ट प्रकार के लोक अधिकार के अस्तित्व से इनकार नहीं करता है या ऐसा इनकार करने पर उसके समर्थन में विश्वसनीय साक्ष्य देने में असफल रहता है उसे पश्चात्वर्ती कार्यवाहियों में ऐसा कोई इन्कार नहीं करने दिया जाएगा।