आज के इस आर्टिकल में मै आपको “ न्यूसेन्स हटाने के लिए सशर्त आदेश | दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 133 क्या है | section 133 CrPC in Hindi | Section 133 in The Code Of Criminal Procedure | CrPC Section 133 | Conditional order for removal of nuisance” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 133 | Section 133 in The Code Of Criminal Procedure
[ CrPC Sec. 133 in Hindi ] –
न्यूसेन्स हटाने के लिए सशर्त आदेश–
(1) जब किसी जिला मजिस्ट्रेट या उपखंड मजिस्ट्रेट का या राज्य सरकार द्वारा इस निमित्त विशेषतया सशक्त किसी अन्य कार्यपालक मजिस्ट्रेट का किसी पुलिस अधिकारी से रिपोर्ट या अन्य इत्तिला प्राप्त होने पर और ऐसा साक्ष्य (यदि कोई हो) लेने पर, जैसा वह ठीक समझे, यह विचार है कि
(क) किसी लोक स्थान या किसी मार्ग, नदी या जलसरणी से, जो जनता द्वारा विधिपूर्वक उपयोग में लाई जाती है या लाई जा सकती है, कोई विधिविरुद्ध बाधा या न्यूसेन्स हटाया जाना चाहिए; अथवा
(ख) किसी व्यापार या उपजीविका को चलाना या किसी माल या पण्य वस्तु को रखना समाज के स्वास्थ्य या शारीरिक सुख के लिए हानिकर है और परिणामतः ऐसा व्यापार या उपजीविका प्रतिषिद्ध या विनियमित की जानी चाहिए या ऐसा माल या पण्य वस्तु हटा दी जानी चाहिए या उसको रखना विनियमित किया जाना चाहिए ; अथवा
(ग) किसी भवन का निर्माण या किसी पदार्थ का व्ययन, जिससे सम्भाव्य है कि अग्निकांड या विस्फोट हो जाए, रोक दिया या बंद कर दिया जाना चाहिए; अथवा
(घ) कोई भवन, तंबू, संरचना या कोई वृक्ष ऐसी दशा में है कि संभाव्य है कि वह गिर जाए और पड़ोस में रहने या कारवार करने वाले या पास से निकलने वाले व्यक्तियों को उससे हानि हो, और परिणामतः ऐसे भवन, तम्बू या संरचना को हटाना, या उसकी मरम्मत करना या उसमें आलंब लगाना, या ऐसे वृक्ष को हटाना या उसमें आलांब लगाना आवश्यक है।
(ङ) ऐसे किसी मार्ग या लोक स्थान के पार्श्वस्थ किसी तालाब, कुएं या उत्खात को इस प्रकार से बाड़ लगा दी जानी चाहिए कि जनता को होने वाले खतरे का निवारण हो सके ; अथवा
(च) किसी भयानक जीवजंतु को नष्ट, परिरुद्ध या उसका अन्यथा व्ययन किया जाना चाहिए,
तब ऐसा मजिस्ट्रेट ऐसी बाधा या न्यूसेंस पैदा करने वाले या ऐसा व्यापार या उपजीविका चलाने वाले या किसी ऐसे माल या पण्य बस्तु को रखने वाले या ऐसे भवन, तंबू, संरचना, पदार्थ, तालाब, कुएं या उत्खात का स्वामित्व या कब्जा या नियंत्रण रखने वाले या ऐसे जीवजंतु या वृक्ष का स्वामित्व या कब्जा रखने वाले व्यक्ति से यह अपेक्षा करते हुए सशर्त आदेश दे सकता है कि उतने समय के अंदर, जितना उस आदेश में नियत किया जाएगा, वह
(i) ऐसी बाधा या न्यूसेन्स को हटा दे ; अथवा
(ii) ऐसा व्यापार या उपजीविका चलाना छोड़ दे या उसे ऐसीरीति से बंद कर दे या विनियमित करे, जैसी निदिष्ट की जाए अथवा ऐसे मामले या पण्य वस्तु को हटाए या उसको रखना ऐसी रीति से विनियमित करे जैसी निदिष्ट की जाए ; अथवा
(iii) ऐसे भवन का निर्माण रोके या बंद करे, या ऐसे पदार्थ के व्ययन में परिवर्तन करे : अथवा
(iv) ऐसे भवन, तंबू या संरचना को हटाए, उसकी मरम्मत कराए या उसमें आलम्ब लगाए अथवा ऐसे वृक्षों को हटाए या उनमें आलंब लगाए ; अथवा
(v) ऐसे तालाब, कुएं या उत्खात को बाढ लगाए ; अथवा
(vi) ऐसे भयानक जीवजंतु को उस रीति से नष्ट करे, परिरुद्ध करे या उसका व्ययन करे, जो उस आदेश में उपबंधित है. अथवा यदि वह ऐसा करने में आपत्ति करता है तो वह स्वयं उसके समक्ष या उसके अधीनस्थ किसी अन्य कार्यपालक मजिस्ट्रेट के समक्ष उस समय और स्थान पर, जो उस आदेश द्वारा नियत किया जाएगा, हाजिर हो और इसमें इसके पश्चात् उपबंधित प्रकार से कारण दर्शित करे कि उस आदेश को अंतिम क्यों न कर दिया जाए।
(2) मजिस्ट्रेट द्वारा इस धारा के अधीन सम्यक् रूप से दिए गए किसी भी आदेश को किसी सिविल न्यायालय में प्रश्नगत नहीं किया जाएगा।
स्पष्टीकरण-“लोक स्थान के अंतर्गत राज्य की संपत्ति, पड़ाव के मैदान और स्वच्छता या आमोद-प्रमोद के प्रयोजन के लिए खाली छोड़े गए मैदान भी हैं।।