आज के इस आर्टिकल में मै आपको “ विधिक कार्यवाहियों में समय का अपवर्जन | परिसीमा अधिनियम की धारा 12 क्या है | Section 12 limitation act in Hindi | Section 12 of limitation act | धारा 12 परिसीमा अधिनियम | Exclusion of time in legal proceedings ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
परिसीमा अधिनियम की धारा 12 | Section 12 of limitation act
[ limitation act Sec. 12 in Hindi ] –
विधिक कार्यवाहियों में समय का अपवर्जन–
(1) किसी वाद, अपील या आवेदन के परिसीमा काल की संगणना करने में वह दिन अपवर्जित कर दिया जाएगा, जिससे ऐसे परिसीमा काल की गणना की जानी है।
(2) किसी अपील के लिए अथवा ऐसे आवेदन के लिए, जो अपील की इजाजत या पुनरीक्षण के, या किसी निर्णय के पुनर्विलोकन के लिए हो, परिसीमा काल की संगणना करने में वह दिन, जिस दिन परिवादित निर्णय सुनाया गया था तथा उस डिक्री, दण्डादेश या आदेश की, जिसकी अपील की गई है या जिसका पुनरीक्षण या पुनर्विलोकन ईप्सित है प्रतिलिपि अभिप्राप्त करने के लिए अपेक्षित समय अपवर्जित कर दिया जाएगा।
(3) जहां कि किसी डिक्री या आदेश की अपील की जाती है या उसका पुनरीक्षण या पुनर्विलोकन ईप्सित है या जहां कि किसी डिक्री या आदेश की अपील की इजाजत के लिए आवेदन किया जाता है, वहां उस निर्णय की 1*** प्रतिलिपि अभिप्राप्त करने के लिए अपेक्षित समय भी अपवर्जित कर दिया जाएगा।
(4) किसी पंचाट के अपास्त किए जाने के लिए आवेदन के परिसीमा काल की संगणना करने में पंचाट की प्रतिलिपि अभिप्राप्त करने के लिए अपेक्षित समय अपवर्जित कर दिया जाएगा।
स्पष्टीकरण-किसी डिक्री या आदेश की प्रतिलिपि अभिप्राप्त करने के लिए अपेक्षित समय की इस धारा के अधीन संगणना करने में वह समय अपवर्जित नहीं किया जाएगा जो न्यायालय ने उस डिक्री या आदेश की प्रतिलिपि के लिए आवेदन किए जाने से पूर्व डिक्री या आदेश को तैयार करने में लगाया हो।
धारा 12 limitation act
[ limitation act Sec. 12 in English ] –
“ Exclusion of time in legal proceedings ”–
धारा 12 limitation act
Limitation act Pdf download in hindi
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