लाल कृष्ण आडवाणी की जीवनी | Lal krishna Advani Biography
Lal krishna Advani Biography
नाम – लाल कृष्ण आडवानी
जन्म – 8 नवम्बर 1927
जन्म स्थान – कराची (पकिस्तान )
स्कूल – सेंट पेट्रिक हाई स्कूल
कालेज – नेशनल कोलीजीएट बोर्ड तथा गवर्नमेंट ला कोलेज
पिता का नाम – किशनचंद
माता का नाम – ज्ञान देवी
पत्नी का नाम – कमला आडवानी
पुत्र – जयंत आडवानी
पुत्री – प्रतिभा आडवानी
Lal krishna Advani Biography
लाल कृष्ण आडवाणी की जीवनी
लाल कृष्ण आडवाणी भारतीय राजनीति में किसी परिचय के मोहताज नहीं है। एक अनुभवी राजनेता और भारतीय जनता पार्टी के भूतपूर्व अध्यक्ष, एल के आडवाणी का राजनैतिक सफ़र बहुत लम्बा और उतार-चढाव से भरपूर रहा है।
वे भारतीय राजनीति के सर्वाधिक आदरणीय चेहरों में एक हैं। इनका राजनैतिक सफ़र विवादों से भरपूर रहा है – चाहे वो जिन्नाह प्रकरण हो, हवाला कांड हो या फिर बाबरी मस्जिद विध्वंस।
उनके उच्च बौध्दिक स्तर, अडिग सिद्धांत और आदर्शो ने उन्हें इन सारी परिस्थितियों से लड़ने में मदद की और उन की राजनैतिक महत्वाकांक्षाओ को नई उंचाई पर ले गए।
एल.के.आडवाणी का व्यक्तित्व प्रभावशाली और दृढ निश्चय से भरपूर है और इसी वजह से वे आज भी कई लोगों के प्रेरणा स्तोत्र हैं।
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राजनैतिक जीवन
एल के आडवाणी ने अपने करियर की शुरुआत एक शिक्षक के रूप में की थी।
मॉडल हाईस्कूल, करांची, में वह अंग्रेजी, गणित, इतिहास और विज्ञान जैसे विषय पढाते थे।
उन के राजनैतिक सफ़र की शुरुआत तब हुई जब वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सचिव चुने गए। कुछ सालों बाद उन्हें भारतीय जनसंघ का सदस्य चुना गया।
विभिन्न जिम्मेदारियां निभाने के बाद उन्हें आख़िरकार अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया। इसी दौरान जन संघ अन्य राजनैतिक पार्टियों के करीब आया और जनता पार्टी का निर्माण हुआ।
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के नेतृत्व में आपातकालीन शासन की अलोकप्रियता ने जनता पार्टी के सत्ता में आने के रास्ते खोल दिए।
इस सरकार में आडवानी को सूचना और प्रसारण मंत्रालय सौंपा गया। आतंरिक कलह और एकजुटता की कमी के कारण जनता पार्टी सरकार ज्यादा लम्बे समय तक कार्य नहीं कर पाई।
Lal krishna Advani Biography
इसके पश्चात भारतीय जनता पार्टी का निर्माण हुआ और एल के आडवाणी इस पार्टी के महत्वपूर्ण सदस्य थे। एल के आडवाणी ने राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी का प्रतिनिधित्व किया।
1986 में एल के आडवाणी को भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। आडवाणी ने आक्रामक हिंदुत्व नीति अपनाकर बीजेपी को नयी दिशा दी और बीजेपी धीरे-धीरे लोगों के बीच जगह बनाने में कामयाब हुई।
सन 1989 के चुनावों में बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए 89 सीटों पर कब्ज़ा किया और नेशनल फ्रंट को सरकार बनाने के लिए बाहर से समर्थन दिया।
वर्ष 1991 के रथयात्रा के दौरान जब आडवानी को बिहार में गिरफ्तार किया गया तब बीजेपी ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया और इस तरह नेशनल फ्रंट सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकी और अगले लोक सभा चुनाव में कांग्रेस फिर से सत्ता में आ गई।
1991 से 1996 तक बीजेपी आडवानी के नेतृत्व में विपक्ष में बैठी और 1996 के चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी लेकिन उनकी सरकार मात्र 13 दिन ही चल पाई।
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राजनैतिक अनिश्चितताओं से भरे अगले दो सालों के बाद बीजेपी ने NDA गठबंधन बनाया और 1998 में सत्ता में वापसी की लेकिन लगभग 13 महीनों के बाद AIADMK के समर्थन वापस लेने के बाद सरकार गिर गयी और दोबारा चुनाव हुए जिसमे NDA गठबंधन ने सत्ता में वापसी की और लाल कृष्ण आडवाणी को पहले गृह मंत्री और बाद में उप-प्रधानमंत्री बनाया गया।
इस सरकार ने 5 साल पूरे किये। यह पहली गैर-कांग्रेसी सरकार थी जिसने 5 साल की अवधि पूरी की थी।
वर्ष 2004 के चुनाव में सत्ता में वापसी की उम्मीद के बावजूद NDA गठबंधन कांग्रेस से पीछे रह गयी और कांग्रेस के नेतृत्व में यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायन्स (यूपीए) ने सरकार बनायी।
चुनाव के परिणाम आडवानी के लिए खास तौर पर एक झटका था। चुनाव में हार के बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने राजनीति से संन्यास ले लिया जिसके कारण आडवानी बीजेपी के सबसे अग्रणी नेता बनकर उभरे। सन 2004 से लेकर 2009 तक वह विपक्ष के नेता रहे।
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वर्ष 2009 के लोक सभा चुनावों में आडवानी को बीजेपी का प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाया गया और उन्होंने पूरे जोर-शोर से चुनाव प्रचार किया पर शायद उनके भाग्य में भारत का प्रधानमंत्री बनना नहीं था क्योंकि बहुत उमीदों के बावजूद NDA गठबंधन, यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायन्स (यूपीए) को नहीं पिछाड पाई।
इसके पश्चात आडवानी ने लोक सभा से विपक्ष के नेता के पद से इस्तीफ़ा दे दिया और उनकी जगह पर सुषमा स्वराज को यह पद दिया गया।
लाल कृष्ण आडवानी का योगदान
भारतीय जनता पार्टी की सफलता और विकास में एल. के. आडवाणी का बहुमूल्य योगदान रहा है। वे पार्टी के सर्वाधिक वरिष्ठ नेता होने के साथ-साथ प्रभावशाली और अग्रीम पंक्ति के नेता रहे हैं और अपने जीवन के कई दशक पार्टी की सेवा में समर्पित कर दिए।
Lal krishna Advani Biography
1927: कराची में जन्म
1936-1942: सेंट पैट्रिक हाईस्कूल, कराची से शिक्षण प्राप्त किया
1942: आरएसएस से जुड़े
1944: मॉडल हाईस्कूल कराची में शिक्षक की नौकरी
1947: सिंध छोड़ कर दिल्ली आए
1947-1951: करांची शाखा में आरएसएस के सचिव होने के नाते आरएसएस के कार्यो का अलवर, भरतपुर, कोटा, बूंदी और झालावार में प्रचार किया
1957: अटल बिहारी बाजपयी की सहायता हेतु दिल्ली आये
1958-1963: दिल्ली स्टेट जन संघ के सचिव बनाए गए
Lal krishna Advani Biography
1960-1967: जन संघ की राजनैतिक पत्रिका आर्गेनाइजर में सहायक संपादक रहे
1965: कमला आडवाणी से विवाह हुआ
1970: राज्यसभा में प्रवेश
1972: भारतीय जन संघ के अध्यक्ष चुने गए
1975: आपातकाल के दौरान बंगलोर में गिरफ्तार हुए और उन्हें बाकी बीजेएस सदस्यों के साथ बंगलौर सेंट्रल जेल भेजा गया
1977-1979: सूचना और प्रसारण मंत्री बने
1986: भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष नियुक्त किये गए
1980-1986: बीजेपी के महासचिव पद पर नियुक्त किये गए
1986: भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष नियुक्त किये गए
1988: बीजेपी के पार्टी महासचिव बनाये गए
1990: सोमनाथ से अयोध्या तक राम रथ यात्रा का आयोजन किया
Lal krishna Advani Biography
1997: भारत के 50 वे स्वतंत्रता दिवस पर स्वर्ण जयंती रथ यात्रा का आयोजन
1999-2004: उप-प्रधान मंत्री रहे
2004-2009: लोक सभा में विपक्ष के नेता रहे
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