Home LAW गिरवी से आप क्या समझते है | Girvi

गिरवी से आप क्या समझते है | Girvi

14287
0

गिरवी (Pledge)

Girvi

आज के इस आर्टिकल में मै आपको भारतीय संविदा अधिनियम 1872 की धारा 172 गिरवी के बारे में बताने जा रहा हूँ , आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको पसंद आएगा .

गिरवी से आप क्या समझते है ? 

गिरवी (Girvi ) का अर्थ – “किसी वस्तु के ऐसे उपनिधान से है जो किसी ऋण के बदले या किसी वचन के पालन के रूप में किया गया हो। भारतीय संविदा अधिनियम 1872 धारा 172 में गिरवी , गिरवीकर्ता एवं गिरवीदार शब्द को परिभाषित किया गया है। इस धारा के अनुसार- “किसी ऋण के भुगतान के लिए अथवा किसी वचन के पालन के लिये प्रतिभूति के रूप में किसी वस्तु का उपनिधान गिरवी कहलाता है।”

उपनिधाता अर्थात वस्तु का परिदान करने वाला व्यक्ति गिरवीकर्ता कहा जाता है और उपनिहिती अर्थात जिस व्यक्ति को वस्तु परिदत्त की जाती है गिरवीदार कहा जाता है। उदाहरण – किसी कार को प्रतिभति के रूप में देकर ऋण लेना गिरवी कहा जाता है। 

विधि मान्य गिरवी के लिए निम्न लिखित शर्तों का होना आवश्यक है

1 – किसी  वस्तु का उपनिधान- गिरवी के लिए सर्वप्रथम शर्त उपनिधान की संविदा का होना हैअर्थात निम्नलिखित शर्ते पूरी होना आवश्यक है –

(a) काई वस्तु एक व्यक्ति द्वारा दसरे व्यक्ति को परिदत्त की गई हो

(b) वस्तु का परिदान किसी प्रयोजन के लिए किया गया हो।

(C) परिदान इस शर्त पर हो कि प्रयोजन पूरा हो जाने पर वस्तु वापस लौटा दी जाएगी अथवा शर्त के अनुसार अन्यथा व्यनित की जायेगी।

2 – वस्तु का उपनिधान किसी ऋण के भूगतान या वचन के पालन के प्रतिभूति के रूप  में हो – गिरवी के लिए एक यह तत्व उपनिधान से इसे अलग कर देता है कि ऐसा उपनिधान किसी श्रण के भगतान या वचन के पालन की प्रतिभूति के रूप में किया गया हो जब ऋण का भुगतान कर दिया जाता है तो गिरवी रखी हुई वस्तु गिरवीकर्ता को वापस हो जाएगी.

गिरवी ( Girvi ) कौन कर सकता है?

गिरवी किस व्यक्ति द्वारा की जा सकती है इस विषय में संविदा अधिनियम में कोई एक निश्चित धारा स्पष्टीकरण नहीं कर सकती है परंतु अपवाद के रूप धाराओं में कुछ ऐसे व्यक्तियों का उल्लेख किया गया है जो गिरवी कर सकते हैं .

इस विषय में सामान्य सिद्धांत है कि किसी वस्तु की गिरवी उसके स्वामी द्वारा अथवा या स्वामी द्वारा प्राधिकृत किसी अन्य व्यक्ति द्वारा की जा सकती है परन्तु कुछ परिस्थितियों  में ऐसे व्यक्ति द्वारा गिरवी की जा सकती है जो कि न ही वस्तु के स्वामी हैं और न ही स्वामी द्वारा प्राधिकृत हैं । जो निम्न हैं –

1 -वाणिज्यक अभिकर्ता द्वारा गिरवी -धारा 178 के अनुसार वाणिज्यक अभिकर्ता द्वारा की गई गिरवी विधिमान्य होगी भले ही वह स्वामी द्वारा प्राधिकृत न हो।

2- शून्यकरणीय संविदा के अधीन कब्जा रखने वाले व्यक्ति द्वारा गिरवी -धारा 178A अधीन यदि वस्तु गिरवी रखी जाती है तो ऐसी गिरवी विधिमान्य होगी परंतु शर्त यह है कि गिरवी के समय उस संविदा का विखण्डन न किया गया हो और गिरवीदार ने सद्भावपूर्वक वस्तु को धारण किया हो .

3 – सीमित हित रखने वाले गिरवीकर्ता द्वारा गिरवी (धारा-179)– उदाहरण-क 1000 रुपये के लिये अपनी वस्तु ख के पास गिरवी रखता है ख उस वस्तु को अपने हित की सीमा तक उन वस्तु को किसी अन्य व्यक्ति को गिरवी रख सकता है। यदि इससे अधिक के लिये वह गिरवी करता है तो क जितनी रकम के लिये ख के पास गिरवी रखा है उतनी रकम देकर अपनी वस्तु को वापस ले सकता है।

Girvi

 Madhyprdesh ki nadiya | मध्यप्रदेश की नदिया

BUY

 Madhyprdesh ki nadiya | मध्यप्रदेश की नदिया

BUY

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here