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Constitution of India part 28 : Indian constitution in Hindi

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भारतीय संविधान वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तरी

भाग – 28

प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी हेतु

Constitution of India part 28 : Indian constitution in Hindi

(१)  निम्न में से कौन सा अधिकार मौलिक अधिकार नहीं है ?

अ- आरक्षण का अधिकार

ब- नोकरी का अधिकार

स- शोषण का अधिकार

द- धार्मिक संस्था चलने का अधिकार

 

(२)  कौन सा मूल अधिकार नहीं है ?

अ- बलातश्रम के विरुद्ध अधिकार

ब- संपत्ति का अधिकार 

स- अस्पृश्यता के विरुद्ध अधिकार

द- भ्रमण करने का अधिकार

Constitution of India part 28 : Indian constitution in Hindi

(३)  संपत्ति का अधिकार है ?

अ- मूल अधिकार

ब- विधिक अधिकार

स- संवेधानिक अधिकार

द- कोई नहीं

(४)  जब सेना विधि प्रवृति में हो तब संविधान के किस अनुछेद के अंतर्गत मूल अधिकारों पर निर्बन्धन अधिरोपित किये जा सकते हैं ?

अ- अनुछेद 33

ब- अनुछेद358

स- अनुछेद 359

द- अनुछेद 34

 

(५)  निम्नलिखित अधिकारों में से कोन सा एक भारतीय नागरिक को मूल अधिकार के रूप में प्राप्त नहीं है ?

अ- स्वतंत्रता का अधिकार

ब- संपत्ति का अधिकार

स- समानता का अधिकार

द- जीवन का अधिकार

 

(६)  अधिकारिता सम्बन्धी त्रुटियों को ठीक करने के लिए जो रिट जारी की जाएगी ,वह है –

अ- उत्प्रेषण 

ब- परमादेश

स- अधिकार -पृच्छा

द- प्रतिषेध

 

(७)  संसद विधि बनाकर निम्न में से किस सेवा के सदस्यों के मूल अधिकारों को निर्बन्धित कर सकती है ?

अ- केन्द्रीय स्वस्थ सेवा

ब- राज्य पुलिस सेवा

स- राज्य जनजाति कल्याण सेवा

द- कोई नहीं

 

(८)  राज्य के निति नेदेशक सिद्दांतो को भारतीय संविधान में शामिल किये जाने का उद्देश्य है –

अ- राजनेतिक प्रजा तंत्र को स्थापित करना

ब- सामाजिक  प्रजा तंत्र को स्थापित करना 

स- गाँधी वादी  प्रजा तंत्र को स्थापित करना

द- सामाजिक और आर्थिक  प्रजा तंत्र को स्थापित करना

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(९)  किसके अंतर्गत पंचायती राज प्रणाली की व्यवस्था की गयी ?

अ- मोलिक अधिकार

ब- मोलिक कर्तव्य

स- राज्य के निति निदेशक सिद्दांत

द- चुनाव आयोग अधिनियम

 

(१०)  मौलिक कर्तव्यों से सम्बंधित निम्न में से कौन सा कथन सही नहीं है –

अ- उन्हें परमादेश द्वारा प्रभावी बनाया जा सकता है

ब- उन्हें संवेधानिक प्रक्रिया से ही बढाया जा सकता है

स- अस्पष्ट विधियों की व्याख्या के लिए उनका उपयोग किया जा सकता है

द- किसी विशिष्ट कर्तव्य का पालन करना संवेधानिक कानून के क्षेत्र में आता है जिसे न्यायलय निश्चित करता है

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