आज के इस आर्टिकल में मै आपको “सिक्के का कूटकरण | भारतीय दंड संहिता की धारा 231 क्या है | 231 Ipc in Hindi | IPC Section 231 | Counterfeiting coin ” के विषय में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है की –
भारतीय दंड संहिता की धारा 231 क्या है | 231 Ipc in Hindi
[ Ipc Sec. 231 ] हिंदी में –
सिक्के का कूटकरण–
जो कोई सिक्के का कूटकरण करेगा या जानते हुए सिक्के के कूटकरण की प्रक्रिया के किसी भाग को करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।
स्पष्टीकरण-जो व्यक्ति असली सिक्के को किसी भिन्न सिक्के के जैसा दिखलाई देने वाला इस आशय से बनाता है कि प्रवंचना की जाए या यह संभाव्य जानते हुए बनाता है कि तद्धारा प्रवंचना की जाएगी, वह यह अपराध करता है ।
231 Ipc in Hindi
[ Ipc Sec. 231 ] अंग्रेजी में –
“ Counterfeiting coin ”–
Whoever counterfeits or knowingly performs any part of the process of counterfeiting coin, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to seven years, and shall also be liable to fine.
Explanation.—A person commits this offence who intending to practise deception, or knowing it to be likely that deception will thereby be practised, causes a genuine coin to appear like a different coin.
231 Ipc in Hindi
- सामान्य आशय क्या है
- संविदा का उन्मोच
- संविदा कल्प या आभासी संविदा क्या है
- समाश्रित संविदा किसे कहते हैं
- उपनिधान उपनिहिती और उपनिधाता
- उपनिहिति का धारणाधिकार
- गिरवी से आप क्या समझते है
- क्षतिपूर्ति की संविदा
- आर्टिकल 35A क्या है
- गॄह-भेदन किसे कहते हैं
- आपराधिक अतिचार किसे कहते हैं
- संपत्ति की प्राइवेट प्रतिरक्षा
- शरीर की प्राइवेट प्रतिरक्षा
- कौन से करार संविदा हैं
- स्वतंत्र सहमती किसे कहते हैं
- शून्य और शून्यकरणीय संविदा
- प्रतिफल क्या है
- स्वीकृति क्या है
- प्रस्ताव से क्या समझते हो
- संविदा किसे कहते है